कोरोना के नाम पर लोगों से लूटे 15 करोड़ रुपये, हालात फिर भी बेकाबू ।
9/22/2020 01:15:00 pm
राज्य में कोरोना तेजी से पसर रहा है। प्रशासन का दावा है कि उसने कोरोना काल में व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाये रखा है। लेकिन जिसको सरकार व्यवस्था कह रही है दरअसल वह एक बहुत बड़ी अव्यवस्था साबित हुई। इसी अव्यवस्था के कारण राज्य में कोरोना वायरस हावी हुआ। सरकार को लोगों से कोई मतलब न मार्च में था और न आज है। सरकार को सिर्फ पैसा चाहिए, पैसा चाहे दारू से आये, लोगों के बेफालतू के चालान काट के आये या फिर किराया दो-तीन गुना बढ़ा के आये। आम जनता अगर मरती है तो कोई बहुत बड़ी बात नही है।
राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह है सरकार। क्योंकि अप्रैल माह में बाहरी राज्यों से लौटे लोगों को एक जगह न रुकवाकर सरकार ने उन्हें जगह-जगह जाने दिया। नतीजा ! अप्रैल माह में पर्वतीय जिलों में कोरोना की दहशत। उसके बाद सरकार को लगा कि अब नेताओ के ऐशोआराम के लिए पैसों का अभाव होता है, तो दारू की दुकाने खुलवा दी । इसके बाद चारों धामों को खोल दिया गया। इतने से जब पैसा नही मिला तो बसों का किराया दो गुना कर दिया और बाहरी लोगों को राज्य में प्रवेश की अनुमति भी प्रदान कर दी। ऐसे में कोरोना के लिए आम जनता कैसे जिम्मेदार हुई ? जब शासन/प्रशासन आम जनता तक सुविधाएं पहुचाने में सक्षम नही होगा तो आम जनता कहाँ जाएगी। दैनिक जीवन की उपयोगी वस्तुओं के लिए जनता सड़क पर तो निकलेगी ही, बस सरकार को यही बात पसन्द नही आई। जैसे ही जनता सड़क पर दिखने लगी तुरन्त पुलिस महकमे को वसूली के आदेश जारी किये गये।
जनता स्वास्थ्य सेवाओ के बिना दम तोड़ रही है और पुलिस चालान कर सरकार की झोली भर रही है। कोरोना काल में अब तक पुलिस ने राज्य में 15 करोड़ रुपये के चालान किये हैं। अब आप समझ सकते हैं कि स्थिति क्या है । 1.2 करोड़ जनसंख्या वाले राज्य में 15 करोड़ केवल वसूली से आया और 15 करोड़ सीएम कियर फण्ड में भी आया फिर भी राज्य में कोरोना मरीज बिना ऑक्सिजन और बिना डॉक्टर के मर जाता है। लाख-लाख रुपये जनता के पैसे से वेतन लेने वाले भाजपाई नेताओ की जेब से 1.2 करोड़ जनता के लिए पैसा निकला भी तो महज 58,000 रुपये। पार्टी अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कुल 9,000 रुपये कोरोना संक्रमण में दिए। फिर भी राज्य की कुर्सी भी इन्ही को चाहिए और केंद्र की भी । खैर जबतक अंधा गुरु बहरे चेलों को मुखाखीर ज्ञान बांटता रहेगा तब तक अंधे गुरु की कुर्सी को भी कोई खतरा नही है। लेकिन धन्य है, प्रदेश की जनता तुझे जिसने कभी एक रुपये का हिसाब नही मांगा ।
उत्तराखंड़ समाचार :: उत्तराखंड न्यूज
उत्तराखंड रोजगार समाचार
देश-विदेश व राज्य विशेष समाचार
Subscribe to get latest updates
हमारा "पहाड़ समीक्षा" समाचार मोबाइल एप्प प्राप्त करें ।