पिछले शैक्षिक सत्र के बाद अब मौजूदा सत्र के तीन महीने बीतने के बावजूद राज्य में स्कूल नहीं खुल पाए हैं। छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। निजी स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई व्यवस्थित तरीके से चल रही है, वहीं सरकारी स्कूलों के बच्चों की कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि और ग्रामीण व दूरदराज के क्षेत्र आनलाइन शिक्षा के आड़े आ रहे हैं। शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त करते हुए ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था संचालित करने के निर्देश दिए थे। अब 12 जुलाई से सभी शिक्षक शैक्षिक गतिविधि संचालित के लिए स्कूल में उपस्थिति दर्ज करना सुनिश्चित करें।
कोरोना की तीसरी लहर का खतरा अभी टला नही है ऐसे में सरकार स्कूलों को ऑफलाइन तो नही खोलेगी। लेकिन माना जा रहा है कि जुलाई ले अंत तक कोरोना की स्थिति को देखते हुए इस पर विचार किया जाएगा। शिक्षकों को स्कूल बुलाने के पीछे इसी को वजह माना जा रहा। दूसरा 2022 में विधानसभा चुनाव भी होने हैं ऐसे में शिक्षक ही पोलिंग पार्टियों का अहम हिस्सा बनते हैं। इस लिहाज से भी दो माह पूर्व शिक्षकों को मतदान मशीन का प्रशिक्षण लेना होता है। गौरतलब है कि अगस्त शुरू होने वाला है अब सरकार के पास ज्यादा समय नही है। एक तरफ स्कूली शिक्षा को पटरी पर लाना है तो दूसरी तरफ शिक्षकों को 2022 चुनावी ड्यूटी के लिए भी तैयार करना है। यही वजह है कि शिक्षकों को वापस दैनिक कार्य प्रक्रिया में जल्द वापस लाने की योजना पर जोर दिया गया है।