टिहरी शहर भागीरथी एवं भिलंगना नदियों के संगम (गणेश प्रयाग) पर बसा एक छोटा सा शहर था। कहा जाता राजा कृतिशाह (1892-1913) के कार्यकालके टिहरी का सर्वाधिक विकास हुआ था। टिहरी का पुराना नाम त्रिहरी था क्योंकि यहां तीन नदियों का संगम होता है। चार धाम यात्रा पर आये श्रद्धालुओं के लिए टिहरी एक विशेष पड़ाव होता था। विश्व के बड़े बांधों में शामिल टिहरी बाँध के निर्माण के फलस्वरूप टिहरी शहर पानी में डूब गया तथा टिहरी झील जिसे आज सुमन सागर के नाम से जाना जाता है, का निर्माण हुआ। जो शहर राजा के दरबार सहित जलमग्न हो गया उसको पुरानी टिहरी के नाम से जाना जाता था। यहाँ से विस्थापित लोगों में से कुछ को नई टिहरी में बसाया गया तथा कुछ को ऋषिकेश व देहरादून ।
टिहरी बांध निर्माण योजना में उत्तराखंड सरकार ने टिहरी झील को एक साहसिक पर्यटन में परिवर्तित करने का प्रयास किया है। टिहरी झील में जेट स्कीइंग से लेकर हॉट एयर बैलून सवारी तक कई अलग-अलग कई प्रकार के रोमांचक खेल उपलब्ध हैं। जिन नदियों का जल स्तर बहुत ज्यादा व तेज बहाव होता है उनमें राज्य के युवा न तो तैराकी कर पाते थे और न ही नौका विहार । आज नदियों पर बांध बंधने से नदियों का पानी भी सीमित हो गया है । इसीलिए ऋषिकेश व उससे आगे के स्थानों पर नदी मैं नौका विहार और तैराकी जैसे पर्यटन को बढ़ावा मिल पाया है ।राज्य में ऐसे खेल के नाम पर राज्य के लोगों के पास सीमित विकल्प थे और लोग साहसिक एवं रोमांच के लिए पर्यटन स्थलों की खोज में रहते थे जो की बहुत सीमित ही हैं। लेकिन बदलते समय एवं भारत में साहसिक खेलों के उदय के साथ, उत्तराखंड सरकार ने प्रसिद्ध टिहरी झील को एक प्रमुख साहसिक पर्यटन स्थल में बदलने की योजना बनाई और इसको पर्यटकों की सेवा के साथ साथ देश की ऊर्जा के लिए समर्पित कर दिया । टिहरी प्राकृतिक रूप से बहुत खूबसूरत है । आज का नया टिहरी भी देखने लायक है कि अगर सरकारों में इच्छा शक्ति हो तो पहाड़ो पर भी शहर के शहर बसाए जा सकते हैं। टिहरी से लगता हुआ उत्तरकाशी जिला भी प्राकृतिक सौंदर्य से ओतप्रोत है । यही वजह थी कि राजा काल में टिहरी ही सबसे सुंदर व मन को मोह लेने वाला पड़ाव होता था उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों के लिए। टिहरी के वनों में भी प्रमुखता से बांज, बुराँस, साल, चीड़ और अधिक ऊंचाई पर बुग्याल जैसी घास व वृक्ष पाए जाते हैं। ऐतिहासिक टिहरी ऋषिकेश से लगभग 146 किलोमीटर दूर है। यहां पहुंचने के लिए ऋषिकेश से निजी बस सेवा के साथ साथ टैक्सी सेवा उपलब्ध है। पर्यटक चाहे तो देहरादून हवाई अड्डे से हैलीकॉप्टर भी बुकिंग करवा सकते हैं।
टिहरी झील में साहसिक खेल एवं गतिविधियों की सूची –
- नौका विहार
- जेट स्पीड बोट सवारी
- वाटर स्कीइंग
- जोर्बिंग
- बनाना वोट सवारी
- बैंडवेगन वोट सवारी
- हॉटडॉग सवारी
- पैराग्लाइडिंग
उत्तराखंड में पर्यटन की दृष्टि से टिहरी झील एक अलग ही रोमांच का एहसास दिलवाती है। गर्मियों की छुटियों में पर्यटक यहां खींचा चला आता है। देश-विदेश के पर्यटक आकर इन खेलों का लुफ्त उठाते हैं और सुनहरी यादों के कुछ पल तस्वीरों में कैद कर वापस अपने-अपने निवास को लौट जाते है।









